⚫ श्री शिर्डीनाथ साईबाबा यांची आरती || saibaba aarti lyrics -
||श्रीं साईबाबा ||
आरती साईबाबा। सौख्यदातार जीवा।
चरणरजातली। द्यावा दासा विसावा, भक्ता विसावा।।आ०।।ध्रु।।
जाळुनियां अनंग। स्वस्वरूपी राहेदंग।
मुमुक्षूजनां दावी। निज डोळा श्रीरंग।। आ०।।१।।
जयामनी जैसा भाव। तया तैसा अनुभव।
दाविसी दयाघना। ऐसी तुझीही माव।। आ०।।२।।
तुमचे नाम ध्याता। हरे संस्कृती व्यथा।
अगाध तव करणी। मार्ग दाविसी अनाथा।।आ०।।३।।
कलियुगी अवतार। सगुण परब्रह्मः साचार।
अवतीर्ण झालासे। स्वामी दत्त दिगंबर।। द०।। आ०।।४।।
आठा दिवसा गुरुवारी। भक्त करिती वारी।
प्रभुपद पहावया। भवभय निवारी।। आ०।।५।।
माझा निजद्रव्यठेवा। तव चरणरज सेवा।
मागणे हेचि आता। तुम्हा देवाधिदेवा।। आ०।।६।।
इच्छित दिन चातक। निर्मल तोय निजसुख।
पाजावे माधवा या। सांभाळ आपुली भाक।। आ०।।७।।
|| श्री शिर्डीनाथ साईबाबा की जय ||
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